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Empower Your Parenting Skills – Positive Parenting + Abhibhavak Kaise Hon + Bachchon Ko Rogon Se Kaise Bachayen| Parenting & Childcare |Parenting Tips|Child Development(Set Of 3 Books)(Hardcover, Hindi, Dr. Navniit Gandhi, Mayaram Patang, Dr. Premchandra Swarnkar) | Zipri.in
Empower Your Parenting Skills – Positive Parenting + Abhibhavak Kaise Hon + Bachchon Ko Rogon Se Kaise Bachayen| Parenting & Childcare |Parenting Tips|Child Development(Set Of 3 Books)(Hardcover, Hindi, Dr. Navniit Gandhi, Mayaram Patang, Dr. Premchandra Swarnkar)

Empower Your Parenting Skills – Positive Parenting + Abhibhavak Kaise Hon + Bachchon Ko Rogon Se Kaise Bachayen| Parenting & Childcare |Parenting Tips|Child Development(Set Of 3 Books)(Hardcover, Hindi, Dr. Navniit Gandhi, Mayaram Patang, Dr. Premchandra Swarnkar)

Quick Overview

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Product Price Comparison
9789387980815 : Positive Parenting• ‘हमारी बेटी गुपचुप किसी लड़के से बात करती है।’ • ‘मेरी बेटी बॉलीवुड के गानों पर डांस सीखना चाहती है। जब से मैंने मना किया है, तब से वो ढीठ और गुस्ताख हो गई है।’ • ‘हमारा एक बेटा है और वह हर समय अपने कमरे में चुपचाप बैठा रहता है,उसका कोई दोस्त भी नहीं है।’ हर बच्चा, हर परिस्थिति और सारे हालात अपने आप में बिल्कुल अलग हैं। अभिभावक होना अपने आप में अनोखा अनुभव होता है या एक रोलर-कोस्टर राइड की तरह नजर आता है। कोई नहीं जानता कि आगे किस तरह का रोंगटे खड़े कर देनेवाला दृश्य सामने आ जाएगा, कहाँ यह सफर धीमा होगा, कहाँ अगला खतरनाक मोड़ आएगा और यह भी कोई नहीं बता सकता कि जमा देनेवाली रफ्तार कब, किस दौर में पहुँचा देगी! इससे पहले कि इस सफर का यात्री खुद को सँभाल पाए और सफर के असर का आकलन भी कर पाए, सफर खत्म हो चुका होता है! बच्चे बड़े हो गए! अभिभावक होने का हर पल उत्साह, खुशी, खिन्नता और निराशा के दौर से भरा एक अनुभव होता है। अगर आप एक अभिभावक हैं, जो इस भूमिका से प्यार करते हैं, लेकिन साथ ही चिढ़ पैदा करनेवाले तमाम सवालों से भी जूझते हैं और फिर भी हमेशा इस बारे में कुछ सुनने और सीखने को लालायित रहते हैं, तो यह किताब आपके हर उस पल को खुशनुमा बना देगी, जो अभी आपके जीवन को दुष्कर बनाए हुए हैं। इसी के साथ आप माता-पिता होने का बेहतरीन अनुभव भी हासिल कर पाएँगे!9789386001733 : Abhibhavak Kaise Honशिक्षकों और बालकों पर पुस्तकें चाहे कम ही सही, परंतु लिखी गई हैं। माता-पिता या अभिभावक कैसे हों? इस विषय पर पहली बार ही कोई पुस्तक हिंदी साहित्य में प्रकाशित हुई है। मुझे पहल करने का गौरव प्राप्त हो रहा है। इस पुस्तक की शैली भी अनोखी है। अभिभावकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हो रहा है। हर विषय के विशेषज्ञ उसमें अपने व्याख्यान दे रहे हैं। फिर शंका-समाधान के लिए प्रश्न एवं उत्तर की व्यवस्था से पुस्तक और अधिक सरल तथा सरस बन गई है। माता-पिता अपने बच्चों की तथा परिवार की भलाई के लिए इस पुस्तक को अवश्य पढें़। इसमें ऐसा बहुत कुछ मिलेगा, जो माता-पिता बन जाने के बाद भी हमें पता नहीं है। हमें अपने दायित्व का बोध नहीं है। हम या तो बच्चों को मारते-डाँटते हैं या शिक्षकों को दोष देते रहते हैं। मेरा दावा है कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद हम सच्चाई को समझेंगे, अपने कर्तव्य को जानेंगे, समझेंगे तथा निभाएँगे। 9789384344924 : Bachchon Ko Rogon Se Kaise Bachayenबच्चों की बीमारियों के प्रति अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे अपनी तकलीफ बोलकर नहीं बता पाते। इसलिए लेखक ने बच्चों में कुपोषण और अकसर उनको होनेवाले रोगों के साथ ही विशेष खतरनाक रोगों, जैसे न्यूमोनिया, पोलियो, टिटेनस, डिप्थीरिया, मेनिनजाइटिस, डेंगू, मलेरिया, जापानी मस्तिष्क ज्वर, रोटा वाइरस जनित आंत्रशोथ इत्यादि की समस्त जानकारी के साथ-साथ कृमि रोग, रक्ताल्पता और खुजली आदि बच्चों को होनेवाले रोगों और उनसे सुरक्षा के लिए टीकाकरण, संतुलित भोजन एवं कुपोषण से बचाव के व्यावहारिक तरीके बताए हैं। सरल-सुबोध भाषा में भरपूर उदाहरणों व चित्रों के साथ यह पुस्तक प्रत्येक घर और व्यक्ति के लिए अत्यंत उपयोगी है और एक आवश्यकता भी।